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Struggle to Stardom: Amit Sial’s Inspiring Journey in OTT World

Amit Sial का नाम आज OTT की दुनिया में बड़े सितारों में शुमार है, लेकिन उनकी इस कामयाबी के पीछे एक लंबी और कठिन संघर्ष की कहानी छिपी हुई है। कभी बर्तन धोने का काम किया, तो कभी टैक्सी चलाकर गुजारा किया। आइए जानते हैं इस मेहनती एक्टर की कहानी, जिन्होंने अपने दम पर इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई।

कानपुर से शुरू हुई कहानी

1 जुलाई 1975 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक साधारण परिवार में Amit Sial का जन्म हुआ। उनके पिता की एक छोटी सी जूते की दुकान थी और मां लाइब्रेरियन थीं। घर में फिल्मों का माहौल कभी नहीं रहा, लेकिन अमित के दिल में एक्टर बनने का सपना पल रहा था। परिवारवाले चाहते थे कि वह पढ़-लिखकर एक अच्छी नौकरी करे और जिंदगी में सेटल हो जाए, मगर अमित का मन कुछ और ही सोच रहा था।

ऑस्ट्रेलिया का संघर्ष

अमित सियाल ने एक दिन अपने दोस्त के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया जाने का प्लान बनाया। स्टूडेंट वीजा पर दोनों दोस्त विदेश जाने की तैयारी करने लगे। दोस्त के परिवारवाले तो नहीं माने, लेकिन Amit Sial ने रो-धोकर अपने घरवालों को मना लिया। ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद अमित की आंखें खुल गईं। वहां उन्हें समझ में आया कि पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी भी करनी पड़ेगी। उन्होंने होटल में बर्तन धोने का काम किया, जहां उन्हें 6 घंटे के काम के बदले 35 डॉलर और खाना मिलता था। इसके साथ ही उन्होंने टैक्सी चलाई और सेल्समैन का भी काम किया।

रणदीप हुड्डा से मुलाकात और दोस्ती

ऑस्ट्रेलिया में ही अमित की मुलाकात रणदीप हुड्डा से हुई, जो वहां टैक्सी चलाने के साथ-साथ मॉडलिंग भी करते थे। रणदीप से मिलकर अमित को एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने की प्रेरणा मिली। इसके बाद अमित दिल्ली लौटे और फिर मुंबई का सफर तय किया।

टॉप फिल्में और वेब सीरीज में शानदार प्रदर्शन

अमित सियाल ने अपने करियर में कई यादगार फिल्मों और वेब सीरीज में काम किया। ‘लव सेक्स और धोखा’, ‘फंस गए रे ओबामा’, ‘रेड’, ‘गुड्डू रंगीला’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। इसके अलावा ‘जामताड़ा’, ‘इनसाइड एज’, ‘मिर्जापुर’, ‘रंगबाज’, ‘महारानी’ और ‘इंस्पेक्टर अविनाश’ जैसी पॉपुलर वेब सीरीज में भी उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया।

अमित सियाल की यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है, चाहे रास्ते में कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं।

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